मित्रों, संरक्षक एवं सलाहकार संपादक, सुधा ओम ढींगरा, प्रबंध संपादक नीरज गोस्वामी, संपादक पंकज सुबीर, कार्यकारी संपादक, शहरयार, सह संपादक शैलेन्द्र शरण, पारुल सिंह के संपादन में शिवना साहित्यिकी का वर्ष : 5, अंक : 19, त्रैमासिक : अक्टूबर-दिसम्बर 2020 अंक अब उपलब्ध है। इस अंक में शामिल हैं- आवरण चित्र / पंकज सुबीर। आवरण कविता / कुमार अनुपम। संपादकीय / शहरयार। व्यंग्य चित्र / काजल कुमार। किताबें जो इन दिनों पढ़ी गईं- अटकन-चटकन, स्वर्ग का अंतिम उतार, मीठे चावल, सुधा ओम ढींगरा। पुस्तक समीक्षा-तिल भर जगह नहीं- डॉ. उमा मेहता / चित्रा मुद्गल, पुकारता हूँ कबीर- सुनील कुमार / भरत प्रसाद, ख़ुद से गुज़रते हुए- डॉ. नीलोत्पल रमेश / संगीता कुजारा टाक, हँसो हँसो यार हँसो- नरेंद्र मोहन / प्रेम जनमेजय, कमरा नंबर 103- डॉ. जसविन्दर कौर बिन्द्रा / सुधा ओम ढींगरा, मैं बंदूकें बो रहा- वेदप्रकाश अमिताभ / अशोक अंजुम, कोरोना काल- दीपक गिरकर / आकाश माथुर, साक्षात्कारों के आईने में- डॉ. सीमा शर्मा / डॉ. रेनू यादव, शब्द गूँज- कैलाश मण्डलेकर / अरुण सातले, जलती रेत पर नंगे पाँव- मनीष वैद्य / दुर्गाप्रसाद झाला, बारिश तथा अन्य लघुकथाएँ- हीरालाल नागर / सुभाष नीरव, अटकन-चटकन- दीपक गिरकर / वंदना अवस्थी दुबे, कोशिशों की डायरी- गोविंद सेन / सोनल, अम्लघात- दीपक गिरकर / सुधा ओम ढींगरा, शिलावहा- अनिल प्रभा कुमार / किरण सिंह, सफ़र में धूप बहुत थी- दीपक गिरकर / ज्योति ठाकुर, बस कह देना कि आऊँगा- डॉ. नीलोत्पल रमेश / नंदा पाण्डेय, सुबह अब होती है तथा अन्य नाटक- मधूलिका श्रीवास्तव / नीरज गोस्वामी, होली- अनीता सक्सेना / पंकज सुबीर, प्रेम- पारुल सिंह / पंकज सुबीर। केन्द्र में पुस्तक- पुस्तक : स्वर्ग का अंतिम उतार- समीक्षक : डॉ. दुर्गाप्रसाद अग्रवाल, दीपक गिरकर, डॉ. सीमा शर्मा, लेखक : लक्ष्मी शर्मा, पुस्तक : खिड़कियों से झाँकती आँखें- समीक्षक : युगेश शर्मा, डॉ. लता अग्रवाल, प्रतिभा सिंह, लेखक : सुधा ओम ढींगरा, पुस्तक : जिन्हें जुर्म-ए-इश्क़ पे नाज़ था- समीक्षक : गोविंद सेन, सूर्यकांत नागर, तरसेम गुजराल, लेखक : पंकज सुबीर। नई पुस्तक- जलधार / उषाकिरण खान, कोरोना काल की दंश कथाएँ / अजय बोकिल, वो क्या था / गीताश्री, वैश्विक प्रेम कहानियाँ / सुधा ओम ढींगरा, विमर्श दृष्टि-पंकज सुबीर की कहानियाँ / डॉ. राकेश कुमार, नज़रबट्टू / ज्योति जैन, काग भुसण्ड / राजीव तनेजा, द्वंद्व कहाँ तक पाला जाए / आदित्य श्रीवास्तव, भूरी आँखें घुँघराले बाल / अनुपमा तिवाड़ी, क़फ़स / अंशु प्रधान। डिज़ायनिंग सनी गोस्वामी, सुनील पेरवाल, शिवम गोस्वामी। आपकी प्रतिक्रियाओं का संपादक मंडल को इंतज़ार रहेगा। पत्रिका का प्रिंट संस्करण भी समय पर आपके हाथों में होगा।
ऑन लाइन पढ़ें-
https://www.slideshare.net/shivnaprakashan/shivna-sahityiki-oct-dec-2020-239076087
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3 comments:
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 5.11.2020 को चर्चा मंच पर दिया जाएगा। आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी|
धन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क
अरे वाह बहुत बढ़िया।
उत्तम , बहुत बहुत बधाई।
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