श्री राकेश खंडेलवाल जी को वर्ष 2010 का शिवना सारस्‍वता सम्‍मान प्रदान किया, अर्श, गौतम, अंकित, वीनस और रवि भी उपस्थित थे ।

DSC_0061 SDC10212DSC_0034

आज जब अपने देश में ही लोग हिंदी को भूल रहे है ऐसे में विदेश में रहकर हिन्दी की सेवा करना हम सब के लिए गौरव की बात है। यह बात हिन्दी प्राध्यापक डा.श्रीमती पुष्पा दुबे ने शिवना प्रकाशन द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में व्यक्त की। शवना प्रकाशन द्वारा इस वर्ष का सारस्वत सम्मान श्री राकेश खंडेलवाल जी को साहित्य सेवा के लिए यहां शनिवार की रात का आयोजित एक गरिमामय समारोह में प्रदान किया गया।

DSC_0003DSC_0019

 
हिन्दी प्राध्यापक साहित्यकार पुष्पा दुबे के मुख्यआतिथ्य एवं वरिष्ठ साहित्यकार नारायण कासट की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में श्री खंडेलवाल को इस वर्ष का शिवना सारवस्त सम्मान प्रदान किया गया। विशेष अतिथि के रुप में परिवार परामर्श केन्द्र के राजकुमार गुप्ता उपस्थित थे।

SDC10199DSC_0035 

पूर्ण विधि विधान के साथ कुणाल, राहुल, हिमांशु, अक्षत ने श्री खंडेलवाल के सबसे प्रथम पाद प्रक्षालन किये ।

DSC_0056 DSC_0037 DSC_0039  DSC_0048 DSC_0053 DSC_0054

पंडित शैलेश तिवारी द्वारा किये जा रहे मंत्रोच्चार तथा श्रोताओं द्वारा की जा रही पुष्‍प वर्षा के बीच श्री खंडेलवाल को वर्ष 2010 का शिवना सारस्‍वत सम्‍मान प्रदान किया गया । जब यह सम्मान प्रदान किया गया तो श्री खंडेलवाल भावुक हो गए। अतिथियों ने उन्हें शाल श्रीफल, सम्‍मान पत्र, स्‍मृति चिन्‍ह भेंटकर किया जाकर सम्मान प्रदान किया गया। सम्‍मान पत्र का वाचन श्री जयंत शाह ने किया ।

DSC_0007DSC_0004

इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्जवलित किया।

DSC_0019 DSC_0023 DSC_0025 DSC_0026 DSC_0027 DSC_0030

SDC10219 SDC10218

अतिथियों का स्वागत आयोजक पंकज पुरोहित सुबीर, दिनेश द्विवेदी, हरिओम शर्मा दाउ, रियाज मो रियाज, शैलेष तिवारी, जंयत शाह,सोनू ठाकुर, धर्मेंद्र कौशल, सनी गोस्वामी, मेघा सक्‍सेना, गौतम राजरिशी, वीनस केशरी, प्रकाश अर्श, रविकांत पांडे, अंकित सफर  आदि द्वारा किया गया।
DSC_0079 DSC_0068 DSC_0071 DSC_0075

पीसी लैब पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए डा. पुष्पादुबे ने कहा कि आज लोगों को जब विदेश में जाने का अवसर मिलता है तो उनके सामने केवल एक ही मकसद पैसा कमाने का होता है पर श्री खंडेलवाल ने वहां पर साहित्य की सेवा कर हिन्दी भाषी लोगों का मान बढ़ाया है। विदेश में जाकर पैसा कमाना कोई बुरी बात नहीं है पर वहां पर अपने देश और साहित्य की सेवा करना नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा दायक है। वरिष्ठ साहित्यकार श्री कासट ने कहा है कि आज हम साकार और निराकार दोनों का ही सम्मान कर रहे है। श्री खंडेलवाल के साथ-साथ उनके काव्य सर्जन का सम्मान कर हम गौरवान्वित हो रहे है। आयोजन के सूत्रधार साहित्यकार पंकज पुरोहित सुबीर ने शिवना सम्मान पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि शिवना का सफर सीहोर से अमेरिका तक पहुंच गया है जिसके पीछे कहीं न कहीं श्री खंडेलवाल की भी भूमिका है।

DSC_0072 DSC_0073 DSC_0082 DSC_0003

संचालन पत्रकार प्रदीप एस चौहान ने किया अंत में आभार पत्रकार शैलेष तिवारी ने माना। कार्यक्रम ब्‍लाग जगत से सर्वश्री दिनेश द्विवेदी (कोटा), लेफ्टिनेंट कर्नल गौतम राजरिशी (कश्मीर), वीनस केशरी (इलाहाबाद), रविकांत पांडेय (कानपुर ), प्रकाश अर्श (नई दिल्ली), अंकित सफर (मुम्बई) आदि भी उपस्थित थे।

कार्यक्रम के बाद आयोजित द्वितीय चरण काव्‍य गोष्‍ठी की विस्‍तृत रपट कल तथा वीडियो भी कल ।

5 comments:

Sulabh Jaiswal "सुलभ" said...

अादरणीय खंडेलवाल जी हम सब के बीच मे बने रहें. उनकी गीतमालाएं सदैव मन मोह जाती है.
इस सम्मान समारोह के लिये शिवना के सभी सदस्यों को बहुत बहुत बधाई.

तिलक राज कपूर said...

राकेश जी से मिलने का एक अच्‍छा अवसर था अन्‍य मित्रों से भी मुलाकात हो जाती, सूचना भी अग्रिम प्राप्‍त हो गयी थी अवकाश भी था, फिर भी अनुपस्थित रहा अन्‍य अपरिहार्य कारणों से। फिर कभी मौका मिलेगा।
राकेश जी को बहुत बहुत बधाई।

निर्मला कपिला said...

गुरुकुल की ्र्यादायें देख कर दिल गदगद हो गया। राकेश जी व शिवना प्रकाशन को बहुत बहुत बधाई, शुभकामनाये।

Devi Nangrani said...

Meri Hardik badhayi Shri Rakesh Khandelwaal ji ko, jo is sanmaan ke sach mein hakdaar hai. maine unmein jo kavya ki orrja dekhi hai( 5 yrs back at Anoop Bhargava's House) vo hamesha mujhe unke is yug ke kaviraj ki garima mehsoos karati rahi hai.
Shivna Prakashan ko meri shat shat badhayi in sabhi prayason ko safal banane ke nliye aur pravasi Sahityakaron ko yeh manch pradaan karne ke liye.

Devi Nangrani said...

Meri Hardik badhayi Shri Rakesh Khandelwaal ji ko, jo is sanmaan ke sach mein hakdaar hai. maine unmein jo kavya ki orrja dekhi hai( 5 yrs back at Anoop Bhargava's House) vo hamesha mujhe unke is yug ke kaviraj ki garima mehsoos karati rahi hai.
Shivna Prakashan ko meri shat shat badhayi in sabhi prayason ko safal banane ke nliye aur pravasi Sahityakaron ko yeh manch pradaan karne ke liye.