स्‍वागत कीजिये शिवना प्रकाशन की तीन नई पुस्‍तकों का ।

dekh loon to chaloon2

ujla aasman (2)

swapn marte nahin

11 comments:

नीरज गोस्वामी said...

किताबों का कलेवर विश्व स्तर का है...छपाई का तो जवाब नहीं...शिवना प्रकाशन को चार चाँद लगा रही हैं ये पुस्तकें...बधाई
नीरज

Udan Tashtari said...

रजनी जी, संगीता जी एवं शिवना प्रकाशन को बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ.

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

तीनों पुस्तकों का कलेवर बहुत सुन्दर है ...पंकज सुबीर जी का आभार .
समीर जी और रजनी जी और शिवना प्रकाशन को बधाई और शुभकामनायें

मनोज कुमार said...

बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं, तीनों रचनाकारों को।

राकेश खंडेलवाल said...

एक बधाई संगीताजी को देता दूजी समीर को
और तीसरी रजनीजी की खातिर मैं ये भेज रहा हूँ
चौथी पंकजजी के हिस्से और शेष शिवना को अर्पित
जिसका नव उपलब्धि हर्ष मैं मन में नित्य सहेज रहा हूँ

निर्मला कपिला said...

समीर जी रजनी जी व संगीता स्वरूप जी को बहुत बहुत बधाई सब से बडी बधाई तो पंक सुबीर जी को है जिन्हों ने इतनी मेहनत से पुस्तक के स्वरूप को सुन्दर बनाया है। शिवना प्रकाशन सदा ऊँचे मुकाम हासिल करे। शुभकामनायें।

seema gupta said...

आदरणीय समीर जी रजनी जी व संगीता स्वरूप जी को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाये . तीनों पुस्तकों का कलेवर बेहद ही मनभावन है. शिवना प्रकाशन और भाई जी को हार्दिक शुभकामनाये.
regards

वीनस केसरी said...

समीर जी, संगीता जी, और रजनी जी को हार्दिक शुभकामनायें

shikha varshney said...

बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं, तीनों रचनाकारों को

दिगम्बर नासवा said...

विश्व स्तर का कलेवर ... समीर जी, संगीता जी, और रजनी जी को शुभकामनायें ...

डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) said...

पंकज जी के साथ आप सभी को मेरा प्रणाम ... आभारी हूँ शिवना प्रकाशन की . शिवना प्रकाशन सदा ऊँचे मुकाम हासिल करे।।
समीर जी,संगीता दीदी को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं ..............